बड़ी दूर का संदेशा
सच्चा सरल भक्त, जो है शरण ईश की,
प्रति पल पाता है, बड़ी दूर का संदेशा
आपद के अंधेरे उसे, जब आ घेरते हैं
पाता प्रकाश पुंज, प्रभु कृपा का हमेशा
है परम कृपालु प्रभु, भूखा मात्र प्रेम का
प्रेम से पुकारो, वो दौड़ा चला आता है
हर पल वो देता साथ, अपने प्रिय भक्त का
धन्ना सा भक्त, प्रभु से काम भी करवाता है
सारे विश्व के, प्राणियों के मंगल हेतु, वो
जगती पर सन्देश वाहक भिजवाता है
ईसा, मोहम्मद, बुद्ध, महावीर जैन
राम,कृष्ण,नानक बन स्वयं चला आता है
तर्क और वितर्क का, कोई भी औचित्य नहीं
कोई विज्ञान क्षेत्र, उसे समझ नहीं पाया है
अनुभव के आधार पर, ज्ञानी मानते हैं यही
सम्पूर्ण विश्व, उसने प्रकृति से रचवाया है।
श्रीप्रकाश शुक्ल
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