कहाँ पता था उसको ये रण वांकुरे साठ स्क्वाड्रन के जो
नभ में आँख गढ़ाए बैठे, ढूंढ रहे दुश्मन के छल को
शुक्ला वरमानी मैथू कोल्या रतनसिंह निर्मल रत्नाकर
इनसे बच कर कौन निकल सकता था सीमा में घुसकर
रण भेरी बजी, युद्ध सम्भावी, आवाज़ लगायी शुक्ला ने
योद्धाओ, सभी युद्ध में आओ, रण कौशल दिखलाने
मैथू, वरमानी , निर्मल ने हुंकार भरी मिल एक साथ
तैयार खड़े हैं डटकर हम निकल न पाये बचकर आज
तुरत शुकुल ने पकड़ लिया था साठ मील की दूरी थी जब
और दबोच कर रक्खा था, निकल नहीं सकता था अब
चित्र पटों के परदे पर यदयपि दिखता था आगे आता
पर जकड़ इस तरह रक्खा था संभव नहीं निकल पाता
रत्नाकर बोले ठीक समय है अरे शुकुल तू कर प्रहार
मत देर करो अब घडी आगयी प्रक्षेपणास्त्र भी हैं तैयार
एक बार फिर से शुक्ला ने आगाह किया सब होशियार
सावधान रहना योद्धाओ, भू से नभ में करता हूँ वार
जैसे ही बस दबा अंगूठा, नभ में कोलाहल गूँज उठा
पशु पंछी भयभीत हो उठे, धूल धूसरित प्रांगण था
प्रक्षेपणास्त्र चल दिया झूम, धाक लगाये दुश्मन पर
जैसे कुशा तीर रघुवर का, उस उद्दंड काग के ऊपर
पलभर में प्रक्षेपणास्त्र ने दुश्मन को जाकर दबा लिया
भागा आहत, गिरते पड़ते भारत भू में मुंह छुपा लिया
जय जयकार हो रही थी दुश्मन थर थर कांपा था
माथा पीट रहा था कैसे , भारत को कमतर मापा था
मैं कृतज्ञ हूँ एयर फ़ोर्स का जिसने सक्रिय समय दिया
एक एक पल जीवन का, सार्थक सम्मानित रोज जिया
श्रीप्रकाश शुक्ल
Wg Cdr S P Shukla (7090) AE (L)
प्रक्षेपणास्त्र :- जमीन से आकाश में मार करने वाली SAM II रसियन मिसाइल ३६ फीट लम्बी ।
-समूह परिचय :
रत्नाकर - विंग कमांडर रत्नाकर सर्वोत्तम सनाडी
रतनसिंह - फ्लाइट लेफ्टिनेंट, चीफ फायरिंग टीम
पायलेट ऑफिसर्स -
कोल्या - सुरेश हरी कोल्हटकर, चीफ रेडियो टीम
शुक्ल /शुक्ला - श्रीप्रकाश शुक्ल , कंट्रोल एंड कमांड अफसर
वरमानी -नरेंद्र कुमार, राडार ट्रांसमीटर, एरीअल अफसर
मैथू - मैथ्यू जोर्ज, पावर सिस्टम
निर्मल -नरेंद्र कुमार दुआ, सिस्टम डिस्प्ले ऑफिसर