पूज्य भाई जी की तृतीय पुण्य तिथि पर अंजलि भर प्रेम पूरित सुमन
मनन कर रहे मधुर संदेशे, मनस पटल पर जो चित्रित है
तीन बरष बीते यद्यपि पर, आशीष आपका सदा मिला
वेदान्त मिशन का संवल ले, जीवन यापन भी सुखद चला
लेखा जोखा आज दे रहे, चमन आपका महक रहा है
बन्धु बांधव सभी सुखी हैं, कुनबा सारा चहक रहा है
वायुयान में बिठा बेटियाँ ,संबंधों से मिलातीं हैं
भईया गोपाल, रोहिणी ने मिल, कार्य अधूरा निपटाया है
राम और गीता निवास को, सुन्दर इक, नीड़ सजाया है
वायुयान में बिठा बेटियाँ ,संबंधों से मिलातीं हैं
रक्षाबंधन पर बहिनों की पलकें गीली हो जातीं हैं
सत्यप्रकाश, श्री, राम दत्त, नित याद आपकी करते हैं
और प्रभा जी के आंसूं खुशियों में भी छलक पड़ते हैं
गौरव, समीर निज गरिमा से गुलशन की शान बढ़ाते हैं
शाश्वत, चिन्मय चाव सहित अध्ययन में ध्यान लगाते हैं
अक्षय और शहाना ने चुन, नव जीवन लक्ष्य बनाया है
मंदिरा, पर्णिका, स्तुति ने परचम ऊंचा लहराया है
शाश्वत, चिन्मय चाव सहित अध्ययन में ध्यान लगाते हैं
अक्षय और शहाना ने चुन, नव जीवन लक्ष्य बनाया है
मंदिरा, पर्णिका, स्तुति ने परचम ऊंचा लहराया है
हमें ज्ञात है आप वहां पर, बंधन मुक्त प्रफुल्लित हैं
दिव्य गुणों से पूर्ण मनुज पा, देव सभी भी हर्षित हैं
प्रेम और श्रद्धा से पूरित अंजलि भर पुष्प चढ़ाते हैं हम
आप वहां पर रहें अनिश्चित, प्रभु से यही मनाते हैं हम
समस्त परिवार
२१ सितम्बर २०१२