मैं ने उसको छुपाके
दुनियां की हर बुरी नज़र से
फिर भी मैले छींटे आ पहुंचे
मणि भूषित सर्पों के घर से
उद्देशिका मेंं ही हमने स्पष्ट
रुप से उल्लिखित किया
कोई भेद कभी न होगा
धर्म जाति के आधारों से
महिला, पुरुष, अन्य को
हमने सम अधिकार दिये हैं
फिर भी महिलाएं हुयींं प्रताडित,
मजहब के ठेकेदारों से
मै ने किया प्रयास सतत
इस का सम्पूर्ण निवारण हो
पर भूखे भेड़िये नही माने
वोट बैंक छिनने के डर से
आज दुखित महिलाओं के
हित अध्यादेश नया भेजा है
इसको कानून मेंं बदलेंंगे "श्री"
सदभाव पूर्ण सम्वादों से
श्रीप्रकाश शुक्ल
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