Saturday 26 June 2010

नए बर्ष की प्रतीक्षा  के दिन, सभी यह चाहते हैं कि नया बर्ष सब के लिए सुखदाई और मंगलकारी हो, बीते हुए बर्ष की अपेक्षा कहीं अधिक, लेकिन यह सब कैसे हो, इसी विचार को मनन करते हुए इस रचना ने जन्म लिया . ३१ दिसंबर २००९ को लिखी रचना प्रस्तुत है :-

कैसे बदलें नए बर्ष के ग्रह?

कुछ ही क्षणों में
नव बर्ष आयेगा
खट खटायेगा
हमारा द्वार,
आशाएं हैं बहुत
कामनाएं हैं बहुत
कैसे होंगीं पूर्ण
करना होगा
सार्थक विचार, 
लेने होंगे संकल्प
जो
स्वार्थ से परे हों,
सद्भाव से भरे हों,
उद्देश्य पर खरे हों,
और
सोचने होंगे विकल्प
जो सहारा दें
उन्हें जो
हैं असहाय
जूझ रहे हैं,
जीवन की समस्याओं से
छोड़ चुके हैं सब उम्मीदें
और हैं निरास.
बधाना होगा उन्हें ढाढस,
जगाना होगा उनके आत्म विश्वास को
बदलनी होगी उनकी सोच को,
तभी बदलसकेंगे नए
बर्ष के ग्रहों को,
आओ संकल्प लें
ऐसा ही करने का
नए साल को
सुख शांति से भरने का.


श्रीप्रकाश शुक्ल
३१ दिसम्बर २००९
दिल्ली

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