Tuesday 4 September 2012


ऐसा गीत सुनाया कर

सुख ना रहेगा सदा साथ मेंव्यर्थ ना तू भरमाया कर,
जीवन में सुख भी है दुःख भीदोनों गले लगाया कर  I

गीत प्यार के सदा सुहानेलिख लिख कर तू रखता जा,
पर जो गीत आँख छलका दे ,ऐसा गीत सुनाया कर

आ धेरें विपदा के बादलभरे निराशा अरमानों में गर,
नहीं टूटनाना घबरानापैर जमा डट जाया कर  I

मानव जीवन बेशक़ीमतीव्यर्थ ना इसको जाया कर,
जब भी घिरे अँधेरा बाहरअंतस ज्योति जगाया कर  I

यह दुनिया संघर्ष भूमि है,पग पग पर अवरोध अनेकों,
निराकरण के लिए सतत तूकर्म योग अपनाया कर I

श्रीप्रकाश शुक्ल 

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