Tuesday 21 December 2021

 ताना बाना बुने कबीरा

ताना बाना बुने कबीरा, कहे पते की बात
इंसानियत ही मूल मंत्र है, सबसे बढ़कर सौगात
जाति धर्म और लिंग भेद से, बने न कोई बात
सब प्राणी हैं एक सम, जस इक तरुवर के पात
बोओगे यदि वैर, रंजिश, उपजेंगे उत्पात। रोपोगे सदभाव तो, हो खुशियों की
इफरात
बेसुमार धन भर लिया, जुटा जुटा दिन रात
फिर भी मन बेचैन क्यों, दी न कभी खैरात
चिन्ताजनक स्थिति जग की, बिगड़े हैं हालात
गुरु कबिरा की सीख बिन "श्री" संभव नहीं निज़ात
श्रीप्रकाश शुक्ल

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