Tuesday 21 December 2021

 इइस पखबारे का वाक्यांश था:-

"पट से छनती पुखराज किरन सी "
रचना यहां देखें ,-
पट से छनती पुखराज किरन सी
दरवार विभूषित मां शक्ति का,
और पार्श्व में रघुकुल झांकी
अनुनादित घंटियाँ चर्च की,
गूंजे मसजिद में दुआ खुदा की
दिव्य कांति मां के आनन की,
पट से छनती पुखराज किरन सी.
ज्योतित होती समस्त प्रांगण में
मेंटते भक्त लालसा मन की
थन्य धन्य ऋषियों की धरती
पलती जहाँ संस्कृति सबकी
अपने अपने आराध्य पूजते
श्रद्धालु,भावना भेंटें जन जन की
जग का हर कोना छाना "श्री"
पायी नहीं सहिष्णुता ऐसी
मात्र इसी इक कारण वस
भारत सा कोई नहीं हितैषी
श्रीप्रकाश शुक्ल
You, Rakesh Khandelwal, कुसुम वीर and 4 others
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