Tuesday 21 December 2021

 इन्डिया प्रहार करती है का नाम आज चरितार्थ हुआ

सौ करोड़ टीका क्रमांक, जब भारत ने आज छुआ
सन्देहात्मक था सारा जग, क्योंकि कार्य असम्भव सा था
पर हम मिलकर संकल्पित थे, इससे ऐसा सहज हुआ
वैज्ञानिक क्षमता, सामूहिक प्रयास और प्रवन्धन अद्वितीय रहे
ड़ाक्टर, नर्स अन्य सहयोगी, कर्तव्यनिष्ठ निस्वार्थ रहे
सेवा परमो धर्मा का इक मंत्र गूंजता था उर में
कोई भी जान न जाने पाये, कुछ भी हो, रहता था सुर में
निश्चय ही अपनी क्षमता से भारत ने अद्भुत काम किया है
विश्वपटल पर भारत ने स्वाश्रय का सन्देश दिया है
ऐसे ऐतिहासिक क्षण पर हम पुनः प्रतिज्ञा लेते हैं
सद्भाव सदा अक्षुण्य रहेगा ऐसा आश्वासन देते हैं
श्रीप्रकाश शुक्ल

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