सियोना
शरद पूर्णिमा की प्रातः को
छिटक चांदनी भू पर आई
राहुल अमीशा के आँगन में
धूप गुनगुनी सी आ छाई
साईशा की नन्हीं बाहों में
आ टपका इक सुघढ़ खिलौना
अन्नू आयुष और माही ने
पायी छुटकी बहिन सियोना
नाना नानी का खुशियों से
भरा आज दिल का हर कोना
दादा दादी बाट जोहते
जल्दी ही मिलने जायेंगे
जो कुछ अच्छा सीखा अब तक
सभी भेंट कर आयेगें
दादा -दादी
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