मन में दृढ विश्वास लिए
राष्ट्र विभाजक अभिरुचियाँ, पनप रहीं हैं दिन प्रति दिन
जाति धर्म पर बट जाने के, परिलक्षित हो रहे शकुन
संकीर्ण विचारों में लथपथ हम, अपनी प्रज्ञा खोये हैं
सौहार्द्र प्रस्फुटित हो न सके, हम ऐसे बीज बोये हैं
हम अभिलाषी, हर भारतीय, जीवन गौरव पूर्ण जिए
सार्थक कदम उठाने होंगे, मन में दृढ विश्वास लिए
हमें भरोसा अपने बल पर, और सहिष्णु मानवता पर
शांति अहिंसा मंतव्यों पर, ज्ञानं कला की क्षमता पर
दिशा जगत को हम देंगे, बन विशाल, विकसित अजेय
समता और बंधुत्व बनेगा, सारे जग का एक ध्येय
आसुरी प्रबृत्तियों के विरुद्ध, जन जन जागृत, संगठित किये
निज देश सृजन हित होंगे तत्पर, मन में दृढ विश्वास लिए
श्रीप्रकाश शुक्ल
मिसिगन ( यू एस ए)
१३ अगस्त २०१०
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