Thursday, 30 September 2010

अक्टूवर चार दो हज़ार सात

Posted by Picasa
साईं आशीषों की हुयी वरसात


महकी राहुल अमीशा की क्यारी
अंकुरित हुयी एक कली प्यारी











बड़ी हुयी फूल बनी
बातों की बहुत धनी



सुमति  की बातें करे
नाना जी का मन हरे
दादा दादी झूम उठे
मन मयूर नाच उठे

सब से यह बात सुनी
बिटिया है बहुत गुणी


आज हुए तीन बर्ष
आशीष दें हम सहर्ष


सुखी रहे ,फूले फले 
काम करे, भले भले 


ढेर से प्यार सहित
दादा,दादी, बुआ  




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